Ashwagandha ke Fayde अश्वगंधा के फायदे और नुकसान : अश्वगंधा का उपयोग सदियों से विश्वभर में उसके अनगिनत लाभ के कारण हो रहा है। वैज्ञानिक भी अश्वगंधा को गुणकारी औषधि मानते हैं। कहा जाता है कि अश्वगंधा व्यक्ति को स्वस्थ रखने में अहम योगदान निभा सकता है। इसी वजह से गुणों से भरपूर अश्वगंधा के फायदे के बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में विस्तार से बता रहे हैं। बेशक, अश्वगंधा एक औषधि है, लेकिन इसकी मात्रा पर ध्यान देना भी जरूरी है। इसका कितना सेवन किया जाना चाहिए, इससे जुड़ी जानकारी भी यहां दी गई है। साथ ही अधिक सेवन से होने वाले अश्वगंधा के नुकसान के बारे में भी हम बता रहे हैं।
पोषक तत्व | अश्वगंधा पाउडर (प्रति 100 ग्राम) |
मॉइस्चर | 7.45% |
ऐश | 4.41g |
प्रोटीन | 3.9 g |
फैट | 0.3g |
क्रूड फाइबर | 32.3g |
ऊर्जा | 245 Kcal |
कार्बोहाइड्रेट | 49.9 g |
आयरन | 3.3 mg |
कैल्शियम | 23 mg |
कुल कैरोटीन | 75.7 µg |
विटामिन-सी | 3.7 mg |
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अश्वगंधा क्या है – What is Ashwagandha
Table of Contents
अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है। इस जड़ी-बूटी से अश्वगंधा चूर्ण, पाउडर और कैप्सूल बनाया जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) है। आम बोलचाल में इसे अश्वगंधा के साथ-साथ इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी भी कहा जाता है। इसका पौधा 35-75 सेमी लंबा होता है। मुख्य रूप से इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे – मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान व गुजरात। इसे बहुतायत संख्या में चीन और नेपाल में भी उगाया जाता है। विश्वभर में इसकी 23 और भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं । आगे हम बताएंगे की अश्वगंधा चूर्ण से क्या होता है और अश्वगंधा के गुण क्या हैं।
Ashwagandha Benefits in Hindi – अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा(Ashwagandha): रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए मजबूत
कोरोना काल में डॉक्टर सभी लोगों को इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की सलाह दे रहे हैं। इम्यून सिस्टम को मजबूत कर हम कोरोना के भयावह प्रकोप से बच सकते हैं। ऐसे में आपको बता दें एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में कारगार होता है। जिससे आप मौसमी बीमारियों से भी बच सकते हैं।
अश्वगंधा(Ashwagandha): ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है
अश्वगंधा का उपयोग लंबे समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा में डायबिटीज के उपचार के लिए किया जाता रहा है। एक रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा की जड़ों और पत्तियों में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स का उपयोग डायबिटीज को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस रिसर्च से यह निष्कर्ष निकाला गया कि अश्वगंधा में एंटीडायबिटिक और एंटीहाइपरलिपिडेमिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को काफी कम कर देते हैं।
अनिद्रा के लिए अश्वगंधा पाउडर के फायदे (Ashwagandha)
नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोग डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। यह हम नहीं बल्कि 2017 में जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा किए गए एक रिसर्च में कहा गया है। इस अध्ययन के अनुसार, अश्वगंंधा के पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है, जो गहरी नींद में सोने में मदद कर सकता है। इस रिसर्च के आधार पर कहा जा सकता है कि अनिद्रा के शिकार लोगों के नींद की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है
अश्वगंधा(Ashwagandha): तनाव दूर करता है
अश्वगंधा का अर्क शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के काम आता है और इस प्रकार यह इसमें उपस्थित एंटी-स्ट्रेस गुण को दर्शाता है। अगर कहा जाये तो यह परंपरागत रूप से, किसी भी व्यक्ति को सुखदायक और शांत प्रभाव प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि अश्वगंधा के हर्बल अर्क के साथ इलाज किए जाने पर कई प्रकार के तनाव को सहा जा सकता है।
अश्वगंधा(Ashwagandha): कैंसर रोगियों के लिए अधिक लाभदायक
अश्वगंधा कैंसर रोधी गुणों से भरपूर होता है, जो कैंसर सेल्स को शरीर में फैलने से रोकता है। यह कैंसर जैसी भयावह बीमारी से निजात दिलाने औऱ इनके संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है। कैंसर रोगियों के लिए यह अधिक लाभदायक है, यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है। जो कैंसर को खत्म करने और कीमियोथेरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट को कम करता है।
अश्वगंधा(Ashwagandha): एक चुटकी अश्वगंधा पुरुषों के लिए कमाल
अश्वगंधा पुरुषों के लिए अधिक लाभदायक होता है। यह पुरुषत्व बढ़ाने के लिए रामबांण सिद्ध होता है तथा बांझपन की समस्या से निजात दिलाता है। इसके नियमित सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। ऐसे में जो व्यक्ति बांझपन की समस्या से ग्रस्त हैं वह नियमित तौर पर अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक जिन पुरुषों ने तनाव को कम करने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया उन लोगों ने बेहतर शुक्रांणु की गुणवत्ता का अनुभव भी किया। ऐसे में नियमित तौर पर दूध के साथ एक चुटकी अश्वगंधा का सेवन करें।
अश्वगंधा(Ashwagandha): एंग्जायटी दूर करता है
अश्वगंधा से एंग्जायटी कम करने में मदद मिलती है। भारत में, प्राकृतिक अश्वगंधा का उपयोग पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार के लिए किया जाता है। भारत के चिकित्सा विज्ञान संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में, अश्वगंधा का परीक्षण विशेष रूप से डिप्रेशन के लिए किया गया और इस अध्ययन में लगभग डिप्रेशन और एंग्जायटी के लिए सकारात्मक परिणाम पाए गए।
एंग्जायटी की दवा लोरज़ेपम (एक शामक और एंग्जायटी की दवा) की तुलना में अश्वगंधा एंग्जायटी के लक्षणों पर काफी अच्छा प्रभाव डालता है।
अश्वगंधा(Ashwagandha) में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं
आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार, अश्वगंधा मनुष्यों में बैक्टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी है। भारत के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी द्वारा 2011 में किए गए एक अध्ययन और वैकल्पिक चिकित्सा समीक्षा में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि अश्वगंधा में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं।
साथ ही यह भी निष्कर्ष निकाला गया कि जब अश्वगंधा का सेवन मौखिक रूप से किया जाता है तो यह यूरिनोजेनिटल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और श्वसन पथ के संक्रमण में भी काफी प्रभावी होता है।
अश्वगंधा(Ashwagandha): थायराइड के लिए
गले में मौजूद तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि जरूरी हार्मोंस का निर्माण करती है। जब ये हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है। इसके कारण कई अन्य तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसी अवस्था को थायराइड कहते हैं।
थायराइड से ग्रस्त चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से अश्वगंधा की जड़ को दवा के रूप में देने से थायराइड की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। साथ ही हाइपोथायराइड (ऐसी स्थिति, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाती है) रोगियों पर हुए अध्ययन में भी अश्वगंधा को थायराइड के लिए लाभकारी माना गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि थायराइड के दौरान डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।
अश्वगंधा(Ashwagandha): याददाश्त के लिए अश्वगंधा खाने के फायदे
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही और बदलती दिनचर्या तेजी से मस्तिष्क की कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में जानवरों पर किए गए विभिन्न अध्ययनों में पाया गया कि अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त पर सकारात्मक असर डाल सकता है। जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि अश्वगंधा लेने से नींद भी अच्छी आ सकती है, जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है और वह बेहतर तरीके से काम कर सकता है ।
अश्वगंधा(Ashwagandha): मजबूत मांसपेशियांं
हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियोंं का मजबूत होना भी जरूरी है। मांसपेशियों के लिए अश्वगंधा का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही दिमाग और मांसपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बन सकता है। यही कारण है कि जिम जाने वाले और अखाड़े में अभ्यास करने वाले पहलवान भी अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स लेते हैं। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध करने की बात कही गई है। इतना ही नहीं, अश्वगंधा कमजोरी के लिए और पैरों की मांसपेशियों की ताकत में सुधार कर सकता है। अश्वगंधा को न्यूरोमस्कुलर समन्वय को बेहतर करने के लिए भी इस जाना जाता है
अश्वगंधा(Ashwagandha): गठिया रोग से निजात दिलाता है
अश्वगंधा को एक दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है जो दर्द संकेतों को तंत्रिका तंत्र पर भेजने से रोकने के लिए कार्य करता है। साथ ही इसमें कुछ एंटी इन्फ्लैमटॉरी गुण भी होते हैं। इसी कारण से, कुछ शोधों ने इसे गठिया के विभिन्न रूपों के उपचार में प्रभावी होना दिखाया है।
अश्वगंधा(Ashwagandha) का पाउडर बनाने की विधि
अश्वगंधा चूर्ण व पाउडर बनाने की विधि बेहद आसान है। इसके लिए चाहिए 100 ग्राम अश्वगंधा की जड़। आइए, अब नीचे जानते हैं अश्वगंधा चूर्ण बनाने की विधि के बारे में।
- सबसे पहले अश्वगंधा की जड़ को धूप में रखकर सूखा लें। अगर उसमें नमी होगी, तो वह निकल जाएगी।
- अब देखें कि अश्वगंधा की जड़ का आकार कितना बड़ा है। अगर जड़ ज्यादा बड़ी लग रही है, तो उसके दो या तीन टुकड़े कर लें।
- फिर मिक्सर में इसे डालकर तब तक पीसे जबतक यह महीन न हो जाए।
- अगर घर में इमाम दस्ता है, तो आप उसमें भी अश्वगंधा की जड़ों को कूटकर चूर्ण व पाउडर तैयार कर सकते हैं।
- अश्वगंधा पाउडर तैयार होने के बाद उसे एयर टाइट कंटेनर में डालकर रख दें।
FAQs
[sc_fs_multi_faq headline-0=”h3″ question-0=”अश्वगंधा और दूध पीने से क्या होता है?” answer-0=”अश्वगंधा के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होने लगेगा. कई लोगों को पाचन से संबंधित समस्याओं से परेशान रहते है, इसलिए रोजाना एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है, इससे छुटकारा पाने के लिए रोजाना इस मिश्रण का सेवन करे.” image-0=”” headline-1=”h3″ question-1=”अश्वगंधा खाने से क्या फायदा होता है?” answer-1=”जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करता है। -अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है। -अश्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है।” image-1=”” headline-2=”h3″ question-2=”अश्वगंधा कितने दिन में असर दिखाता है?” answer-2=”एक साल तक करें इस्तेमाल: हर शरीर अश्वगंधा या दवाई के लिए अलग प्रकार से रिएक्ट करता है। अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी पेश आ रही है और आप अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं कर सकते हैं तो आप 2-4 ग्राम बताए गए तरीके से इसका सेवन एक साल तक करें और आपको काफी लाभ होगा।” image-2=”” headline-3=”h3″ question-3=”अश्वगंधा पाउडर खाने से क्या होता है?” answer-3=”अश्वगंधा का सेवन करने से दिल संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं. इसका सेवन से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है. आज लोग डायबिटीज से धीरे-धीरे ग्रसित होते जा रहे हैं.” image-3=”” headline-4=”h3″ question-4=”अश्वगंधा लेते समय क्या परहेज करना चाहिए?” answer-4=”विशेषज्ञों की मानें तो अश्वगंधा एक औषधि है लेकिन कुछ लोगों को इससे परहेज करने की जरूरत है। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए। अगर गर्भवती महिलाएं इसका लगातार सेवन करती हैं तो गर्भपात का खतरा हो सकता है। रक्तचाप के मरीजों को भी अश्वगंधा के सेवन से परहेज की जरूरत है।” image-4=”” headline-5=”h3″ question-5=”अश्वगंधा लेने से पहले की सावधानियां” answer-5=”अश्वगंधा का सेवन करने से पहले इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में पता होना भी जरूरी है, अन्यथा अश्वगंधा पाउडर साइड इफेक्ट्स का कारण भी बन सकता है। क्या हैं वो सावधानियां नीचे जानते हैं। अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसी वजह से इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए। इसका सेवन लंबे समय तक नहीं किया जाना चाहिए। किसी विशेषज्ञ से राय लेकर इसकी मात्रा और सेवन के समय की जानकारी अवश्य लें। आंत संबंधी परेशानी वाले व्यक्तियों को इसके सेवन से बचाने की सलाह दी जाती है” image-5=”” headline-6=”h3″ question-6=”अश्वगंधा कहां से खरीदें?” answer-6=”अश्वगंधा को लोकल मार्केट से खरीदा जा सकता है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों की दुकानों में आसानी से उपलब्ध होता है। आजकल बड़े-बड़े ग्रॉसरी स्टोर भी अश्वगंधा के पाउडर व इसकी जड़ के पैकेट रखते हैं। इसके अलावा, अश्वगंधा को ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।” image-6=”” count=”7″ html=”true” css_class=””]